पूर्व सीईओ चंदा कोचर ने बर्खास्तगी के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी

 आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोचर का कहना है कि बैंक ने उन्हें फरवरी 2019 में टर्मिनेशन का पत्र दिया जबकि अक्टूबर 2018 में ही उनकी जल्द रिटायर होने की अर्जी स्वीकार हो चुकी थी। कोचर ने बर्खास्तगी को गैर-कानूनी और असहनीय बताते हुए कोर्ट से दखल की अपील की है। उनकी याचिका पर 2 दिसंबर को सुनवाई होगी।


बैंक ने कोचर को बोनस की रकम लौटाने के लिए भी कहा गया था


रिपोर्ट्स के मुताबिक कोचर का कहना है कि 30 जनवरी 2019 को उन्हें आईसीआईसीआई बैंक के चीफ एचआर ऑफिसर ने बताया कि रिटायर्ड जस्टिस बी एन श्रीकृष्णा की जांच रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ने फैसला लिया कि उनके बैंक से अलग होने को बर्खास्तगी माना जाएगा। उन्हें अप्रैल 2009 से मार्च 2018 के बीच मिले बोनस की रकम भी लौटानी होगी। इस दौरान कोचर को 7.4 करोड़ रुपए का बोनस मिला था। कोचर पर वीडियोकॉन लोन मामले में अनियमितताओं के आरोप हैं।


चंदा कोचर, पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के खिलाफ सीबीआई ने 22 जनवरी को एफआईआर दर्ज की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था ताकि वे विदेश नहीं जा सकें। आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 2009 से 2011 के बीच 1,875 करोड़ रुपए का लोन दिया था। इसमें चंदा कोचर पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप हैं।